Department of Sanskrit
नवम्बर 2021 को स्वर्णिम जुबिली वर्ष मनाकर गोस्सनर कॉलेज अपने कर्Ÿाव्य पथ पर अग्रसर है। 1 नवम्बर 1971 को रोपा गया छोटा सा बिरूआ (बीज) आज बड़े वृक्ष का रूप धारण कर चुका है। दो छात्रांे से शुरूआत करनेवाला कॉलेज झारखण्ड राज्य में अभी शिक्षा की विभिन्न शाखाएँ फैला चुका है। जिसकी विभिन्न संकायों तथा विभिन्न विभागों में अनेक विषयों के रूप में लगभग 20 हजार विद्यार्थी अध्ययनरत हैं।
संस्कृत भी इन्हीं विषयों में एक है जो मानविकी संकाय की एक प्रमुख भाषा है। इसकी शुरूआत मार्च 1976 से हुई। एकमात्र आचार्य डा0 (श्रीमती) तारामणि खलखो ने 1990 तक संस्कृत विभाग का सुचारू रूप से संचालन किया। नवम्बर 1990 में डॉ0 (श्रीमती) ज्योति टोप्पो ने द्वितीय पद के रूप में योगदान दिया। दोनों के सहयोग से संस्कृत विभाग ने उŸारोŸार विकास किया। इस विषय के छात्रों ने अच्छे अंकों से उतीर्ण होकर, राज्य के विभिन्न विभागों विशेष कर शिक्षा विभाग में योगदान देकर कॉलेज की प्रतिष्ठा बढ़ाई।
जनवरी 2004 में डॉ0 तारामणि खलखो के अवकाश प्राप्त करने के बाद डॉ0 ज्योति टोप्पो ने विभाग का संचालन प्रारम्भ किया जो आजतक अनवरत चल रहा है। आशा है गोस्सनर कॉलेज का संस्कृत विभाग अपनी पूर्व गरिमा को आगे भी अक्षुण्ण रखेगा।