Department of History
गोस्सनर कॉलेज, राँची की स्थापना 1 नवंम्बर 1971 ई॰ को गोस्सनर एवंजिलिकल लूथरेन चर्च छोटानागपूर एवं असम, राँची के द्वारा की गई थी। कॉलेज की स्थापना के साथ ही इतिहास विषय की पढ़ाई प्रारंभ हो गई थी। इस समय राँची विश्वविद्यालय, राँची के द्वारा इण्टरमीडिएट की पढ़ाई/परीक्षा संचालित की जाती थी। 1975 ई॰ में पहला बैच डिग्री स्तर की परीक्षा में शामिल हुआ और इसमें इतिहास विषय के विद्यार्थी भी शामिल थे। 8 जुलाई 1875 को तात्कालिन बिहार सरकार के शिक्षा विभाग ने स्नात्तक स्तर तक की पढ़ाई के लिए स्थायी संबंद्धन प्रदान किया ओर इसी के परिणामस्वरूप इतिहास विभाग अस्तित्व में आया। विभाग के बेहतर संचालन के लिए विभागाध्यक्षों एवं अन्य सहायक शिक्षकों की नियुक्ति की गई। श्री डी॰ बुढ़ इतिहास विभाग के प्रथम शिक्षक रहे हैं। कुछ समय के लिए फ्रैैंेकलिन बाखला ने भी अपनी सेवा प्रदान की थी जो बाद में संत जुेवियर कॉलेज, राँची इतिहास विभाग के विभागाध्यक्ष भी रहे। अन्य शिक्षकों में डॉ॰ सामुएल ओड़ेया (पूर्व विभागाध्यक्ष), डॉ॰ नीला रानी डे (सहा॰ शिक्षक), डॉ॰ विक्टोरिया डुंगडुंग,(सहा॰ शिक्षक), डॉ॰ दिनेश कुमार श्रीवास्तव (पूर्व विभागाध्यक्ष), प्रो॰ अजय कच्छप ((सहा॰ शिक्षक, बाद में सिविल सेवा के लिए चयनित) ने अपनी सेवा से विभुषित किया है। वर्तमान में प्रो॰ अनिता अंजु खेस्स (विभागाध्यक्षा), डॉ॰ बलबीर केरकेट्टा (सहा॰ शिक्षक), डॉ॰ सीमा टेटे (सहा॰ शिक्षक), डॉ॰ नीलिमा सिन्हा (सहा॰ शिक्षक) अपनी सेवा दे रहे हैं।
हमेशा से ही इतिहास विषय विद्यार्थियों का लोकप्रिय विषय रहा है। विभिन्न स्तर के प्रतियोगिता परीक्षाओं में पुछे जाने वाले प्रश्न, स्थानीय एवं विश्व स्तर के धटनाओं की उत्कंठ इच्छा, सभ्यता-संस्कृति को जानने की विद्यार्थियों की अभिरूचि, विशेषकर क्षेत्रीय इतिहास के प्रति विद्यार्थियों का संवेदनशीलता इसकी महत्ता को और भी बढ़ा देती है।
विभाग प्रारंभ से ही विद्यार्थियों को शिक्षा के उच्च मानकों को प्राप्त करने का समान अवसर प्रदान करता है विद्यार्थियों को सरल एवं शुद्ध वातावरण में शिक्षा प्रदान करना विभाग का उद्धेष्य है इस निमित्त समय-समय पर शैक्षणिक भ्रमण, सेमिनार, व्याख्यान, सम्भाषण, वाद.-विवाद प्रतियोगिता आदि का आयोजन किया जाता है ताकि विद्यार्थी ज्वलंत विषयों पर अपनी जिज्ञासा को और अधिक प्रगाढ़ कर सकें।
विद्यार्थियों को रोजगार उन्मुख एवं व्यवहारिक उन्मुख षिक्षा देने के लिए हम सब षिक्षकवृंद एवं सहयोगी प्रतिबद्ध हैं।